वृद्धावस्था - लेखनी कविता -02-Mar-2022

1 Part

223 times read

10 Liked

आज की इस स्वार्थी दुनिया में किसे कहूँ अपना, किसे पराया अहंकार मानव  दिलों में छाया  रिश्तों पर छायी धन की माया। जिस अनाथ को था बेटा बनाया उसकी खुशी में ...

×